नज़र नज़र का फर्क है, हुस्न का नहीं ;
महबूब जिसका भी हो बेमिसाल होता है..
Tag: Husn Hindi Poetry
Husn Shayari Hindi Mein – मैं हुस्न हूँ….
मैं हुस्न हूँ….
मेरा रूठना है लाज़मी
तुम इश्क़ हो…..ज़रा अदब में रहा करो …..
Husn Shayari Hindi Mein – हमें भी ज़ल्वागाहे नाज़ तक
हमें भी ज़ल्वागाहे नाज़ तक ले कर चलो मूसा,
तुम्हें गश आ गया तो हुस्न ए जानाँ कौन देखेगा
Husn Shayari Hindi Mein – न देखना कभी आईना भूल
न देखना कभी आईना भूल कर देखो
तुम्हारे हुस्न का पैदा जवाब कर देगा
Husn Shayari Hindi Mein – ना चाहत ना मोहब्ब्त ना
ना चाहत, ना मोहब्ब्त, ना इश्क,
और ना वफा..!!
कुछ भी नहीं था उस शक्स के पास
सिवाये हुस्न के..!!
Husn Shayari Hindi Mein – कांच का जिस्म कहीं टूट
कांच का जिस्म कहीं टूट न जाये,
हुस्न वाले तेरी अंगड़ाइयो से डर लगता है
Husn Shayari Hindi Mein – देखी गई न हम से
देखी गई न हम से शिकस्त-ए-ग़ुरूर-ए-हुस्न
शरमा गए इरादा-ए-तर्क-ए-वफ़ा से हम
Husn Shayari Hindi Mein – गुरुर-ए-हुस्न की मदहोशी में उनको
गुरुर-ए-हुस्न की मदहोशी में उनको ये भी खबर नहीं,
कौन चाहेगा मेरे सिवा उनको उम्र ढल जाने के बाद..!
Husn Shayari Hindi Mein – सिर्फ इशारों में होती महोब्बत
सिर्फ इशारों में होती महोब्बत अगर
इन अलफाजों को खुबसूरती कौन देता?
बस पत्थर बन के रह जाता “ताज महल”
अगर हुस्न इसे अपनी पहचान ना देता