हजारों झोपड़िया जलकर राख होती हैं,
तब जाकर एक महल बनता है.
आशिको के मरने पर कफ़न भी नहीं मिलता,
हसीनाओं के मरने पर “”ताज महल”” बनता है.
हजारों झोपड़िया जलकर राख होती हैं,
तब जाकर एक महल बनता है.
आशिको के मरने पर कफ़न भी नहीं मिलता,
हसीनाओं के मरने पर “”ताज महल”” बनता है.