तेरा उलझा हुआ दामन मेरी अंजुमन तो नहीं,
जो मेरे दिल में है शायद तेरी धड़कन तो नहीं,
यू यकायक मुझे बरसाद की क्यों याद आई,
जो घटा है तेरी आँखों में वो सावन तो नहीं.
तेरा उलझा हुआ दामन मेरी अंजुमन तो नहीं,
जो मेरे दिल में है शायद तेरी धड़कन तो नहीं,
यू यकायक मुझे बरसाद की क्यों याद आई,
जो घटा है तेरी आँखों में वो सावन तो नहीं.